Event's


गणेश उत्सव

                       मुंबई का उत्सव दुनिया के हर कोने में पहुच गया है। लेकिन उसका परीणाम जितना अच्छा है। उतना कुछ लोगो के लिए बुरा भी शाबित हो रहा है। जैसे हमारे निरिक्षण से काफी बच्चे गणपति उत्सव देखने के लिए घर से भाग कर मुंबई आ जाते है। मुंबई के लोकल बच्चे भी घर में बिना बताए घूमते रहते है। माँ, पिताजी चिंता में उनका मिसिंग रिपोट दर्ज कराते है। भविष्य में यह समस्या और बढेगी इसमें कोई शंका नहीं है।
                             शेल्टर में रहने वाले निराश्रीत बच्चों का एक खुद का अपना गणपति होना चाहिए ऐसा हर बच्चों को लगता है यही धागा पकड़ते हुए समतोल ने गये ५ साल से गणपति उत्सव मनाना शुरु किया है। लोकमान्य  टिलकजी ने जिस हेतु से यह उत्सव सुरु किया उसी हेतु से स्टेशन \ स्ट्रीट पर रहने वाले बच्चे इकठ्ठा करके उनका विश्वास बढाकर अच्छा रास्ता दिखने का कार्य समतोल इस माध्यम से करने की कोशिश करती आ रही है। ७ दिन का उत्सव मनाते हुए बच्चों ने ही उनकी सजावट किया, बच्चों ने रोज आरती और मानसिक शक्ति बडाने की प्रार्थना की तथा सत्यनारायण की पूजा का भी आयोजन किया, सभी प्रान्त के बच्चे होने के कारण हमारी शहकर्मचारी ममता गांधी ने सत्यनारायण की कथा हिंदी में अनुवाद करने वाले पंडित को बुलाया जिससे बच्चों की आध्यात्मक रूचि बढाने में सहायता मिले। इस कायकर्म में समतोल के सभी कार्यकर्ता, सहयोगी, देनदार और मार्गदर्शक सहभागी हुए। इस उत्सव में कई नये साथी समतोल से जुड़कर बच्चों का विश्वास बढाया, इसी उत्सव दरम्यान ४ बच्चों को उसके परिवार से जोड़ने का कार्य किया, जिसमे यु.पि, नांदेड और बिहार के बच्चे थे। इसी तरह बच्चों ने सहभाग लेकर और अपना घर का गणपती उत्सव मनाते हुए समाज का समतोल बनाया।
                   मतोल के कार्य की जानकारी समाज के हर व्यक्ति के पास पहुचाने के लिए यह उत्सव द्बारा जनजागृती करने का प्रयास समतोल कर रही है, जिसमे हमारे पास आने वाले बच्चों द्वारा गणेश की आरती हो सके और इस बच्चों को देखने का तरीका समाज में बदल सके बच्चे समज में एक अच्छा स्थान प्राप्त करे एक सुझान नागरिक बन सके इस विषय को लेकर अभुदयनगर का राजा (काला चौकी लालबाग)  का आरती करने का सम्मान तारीख २१-९-२०१२ रत ८ बजे समतोल के बच्चों को मिला। इसी तरह तारीख २८-९-२०१२ को सुबह 11 बजे भांडुप का राजा (स्वामी समर्थ भक्ति सेवा मंडल) का आरती करने का सम्मान समतोल के बच्चों को मिला है। इशीतरह आप के मंडल का भी आरती का आयोजन हमारे बच्चों द्वारा आप कर सकते है, जिससे इन बच्चों को देखने का समाज का बुरा नजरिया बदलकर एक बाप्रेमी माज बनाने का हमारा प्रयास हमेसा शुरू रहेगा इसमें आपके सहयोग की भी आशा है। 
धन्यवाद......................
विजय जाधव 

No comments:

Post a Comment